Monday, 19 January 2009

A letter for Mr. Nitish Kumar by nawal

सेवा में,
श्री नीतीश कुमार,
माननीय मुख़्यमंत्री,
बिहार

महाशय,
सर्वप्रथम बिहार में एक नयी पहल करने के लिये मेरी तरफ़ से धन्यवाद। यों तो आपके सुशासन ने बिहार को एक नयी पहचान दी है। पहले जब मैं दिल्ली जाया करता था तब दिल्ली वाले मुझसे कहते थे कि आप लालू के देश से आये हो, तो जाहिर है कि आप……। खैर अब मुझे ये सब नहीं सुनना पड़ता है।
आपकी दूरदृष्टि से बिहार की आंख़ों में एक नया स्वप्न जन्म ले रहा है। सम्भव है कि बिहार का यह सपना यथार्थ में परिवर्तित हो जाये। सड़कें चमक रही हैं, व्यापारियों के चेहरे चमक रहे हैं, वीआईपी नेताओं और अफ़सरों के चेहरे चमक रहे हैं, आपके मंत्रियों के चेहरे चमक रहे हैं और आप स्वयं भी सुर्य के समान चमक रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इस चमक से इन्कार नहीं करेंगे।
आपने लोकसभा चुनाव के पहले विकास यात्रा के सहारे लालू जी का रैली वाला फ़ार्मूला को बेकार साबित कर दिया है। पहले लालू जी रैली के द्वारा अपना शक्ति प्रदर्शन किया करते थे और आप विकास यात्रा कर। आकाशमार्ग से यात्रा कर और शाही दरबार का आयोजन कर आपने यह साबित कर दिया है कि आप लालू जी से कम नहीं हैं। जाति प्रेम के मामले में आप तो लालू जी से चालीस निकल गये। इस सफ़लता पर मेरी शुभकामनायें स्वीकार करें। आपका जिला प्रेम और जाति प्रेम दोनों अतुलनीय है। आप यात्रा में काफ़ी व्यस्त रह्ते हैं सो कुछ नाम मैं आपको स्मरण कराना चाहता हुं।

उपरोक्त नामों के अलावा सैंकड़ों ऐसे नाम हैं जो आपका जाति प्रेम साबित करते हैं। अपनी जाति से उत्कट प्रेम बुरी बात नहीं है। परंतु हम भी आपकी जनता हैं। कुछ प्रश्न मेरे मानस पटल पर विचरण कर रहे हैं सो मेरी लेख़नी चाहती है कि उन्हे आपके समक्ष अवश्य प्रस्तुत करे।
(1) भुमिहार जाति से आपका इतना प्रेम क्यों है?
(2) आपने जिन सामंती शक्तियों का विरोध किया था,

उनकी गोद में बैठ कर ओबीसी के साथ विश्वासघात क्यों किया?

आपकी यात्रा मंगलमय हो और सुख़दायक हो, इसीलिये बाकी बातें अगले पत्र में लिख़ुंगा। आशा है आप मुझे मेरी सत्यवादिता के लिये मुझे क्षमा करेंगे।

आपका विश्वासभाजन
नवल किशोर कुमार,
पटना, बिहार,