आदरणीया शबाना जी,
अच्छी अभिनेत्री और एक अच्छा इंसान होने के नाते आप मेरे अभिवादन की हकदार हैं। आपकी इंसानी रिश्तों और जमीनी हकीकत से जुड़ी बाते अच्छी लगती हैं। आप स्वयं एक अदबी और परिपक्व रही हैं। आपने भारत में रह रहे मुसलमानों के बारे में जो कुछ भी कहा है वह निःसंदेह सत्य है, लेकिन आपने इस सत्य को या तो समझा नही या फ़िर बताने की जहमत नहीं उठाई। इससे पहले कि मैं आपको कुछ विशेष बातें बताऊं, मैं आपके सामने कुछ तस्वीरें दिख़ाना चाहता हूं।
उपरोक्त तस्वीरें और तथ्य कुछ कहती हैं। अगर आप ईमानदारी से सुनने की कोशिश करें तो आपको समझ में आयेगा कि आप गलत हैं। इससे ज्यादा और विशेष लिख़ने की मैं जरुरत नहीं समझता, क्योंकि जो ख़ाय गाय का गोश्त, वो कभी न हो हिंदु का दोस्त।
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